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डेढ़ महीने में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के डूब गए 84 हजार करोड़

डेढ़ महीने में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के डूब गए 84 हजार करोड़

डेढ़ महीने में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के डूब गए 84 हजार करोड़

जब कोई आम आदमी बचत करने या बीमा खरीदने की सोचता है, तो उसके दिमाग में सबसे पहले भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का नाम आता है। हालांकि, हाल के महीनों में शेयर बाजार में गिरावट के कारण LIC को भारी नुकसान हुआ है।

शेयर बाजार में आई गिरावट से निवेशकों को बड़ी हानि उठानी पड़ी है। इस साल की शुरुआत से अब तक शेयर बाजार में गिरावट के चलते निवेशकों को लगभग 25-50 लाख करोड़ रुपये की चपत लग चुकी है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले डेढ़ महीनों में LIC को लगभग 84,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह नुकसान इसलिए हुआ क्योंकि LIC देश की कई बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश करती है।

LIC, देश की सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक है, जो बीमा कंपनियों, म्यूचुअल फंड्स और पेंशन फंड्स के तहत काम करती है। यह कंपनी अपने निवेशकों के पैसे को विभिन्न साधनों में निवेश करती है, जिससे उन्हें मुनाफा मिल सके। LIC के निवेश पोर्टफोलियो में कई बड़े शेयर शामिल हैं और इन शेयरों के गिरने से इसे नुकसान हुआ है।

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही तक, LIC की शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों में कुल हिस्सेदारी 4.72 लाख करोड़ रुपये थी। लेकिन 18 फरवरी 2025 तक इसकी कुल हिस्सेदारी घटकर 3.87 लाख करोड़ रुपये रह गई। इस गिरावट के कारण LIC को 84,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इस नुकसान के आकलन के लिए 330 कंपनियों का विश्लेषण किया गया।

LIC को सबसे अधिक नुकसान पहुँचाने वाली कंपनियों में प्रमुख रूप से ITC, L&T और SBI शामिल हैं। ITC ने 8,863 करोड़ रुपये, L&T ने 7,713 करोड़ रुपये और SBI ने 5,647 करोड़ रुपये की चपत LIC को पहुंचाई। इस साल अब तक इन कंपनियों के शेयरों में करीब 10% की गिरावट आई है। कुल 26 कंपनियों में LIC को 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। इनमें TCS, Jio Financial Services, HCL Technologies, JSW Energy, Adani Ports, HDFC Bank और IDBI Bank प्रमुख हैं। इन कंपनियों में LIC की बाजार वैल्यू 22,000 करोड़ से 30,000 करोड़ रुपये तक कम हो गई है।

सेक्टर्स के हिसाब से LIC को सबसे ज्यादा नुकसान फाइनेंस कंपनियों ने दिया है, जिसमें बैंक, नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFCs) और बीमा कंपनियां शामिल हैं। इस सेक्टर ने LIC को 18,385 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया। IT सेक्टर से 8,981 करोड़ रुपये, इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से 8,313 करोड़ रुपये, पावर सेक्टर से 7,193 करोड़ रुपये और फार्मा सेक्टर से 4,591 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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आगे क्या होगा? बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में जानकारों का अनुमान है कि बाजार में जारी अस्थिरता के कारण LIC को आगे भी नुकसान झेलना पड़ सकता है। हालांकि, कुछ कंपनियों ने LIC को मुनाफा भी कराया है, जिसमें Bajaj समूह और Reliance शामिल हैं। इन कंपनियों के शेयरों से LIC को 2,000 से 3,000 करोड़ रुपये तक का फायदा हुआ है।

यह ध्यान देना जरूरी है कि शेयर बाजार में जो नुकसान दिखता है, वह वास्तविक नहीं होता, जब तक कि निवेशक अपने शेयरों को बेच न दे। इसे नोशनल लॉस कहा जाता है। LIC ने हाल ही में अपनी तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी किए हैं, जिनके अनुसार अक्टूबर-दिसंबर 2024 तिमाही में LIC का शुद्ध लाभ 17% बढ़कर 11,157 करोड़ रुपये हो गया है।

भारत सरकार की LIC में 96.5% हिस्सेदारी है, जबकि म्यूचुअल फंड्स के पास 1.2%, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के पास 0.07% और रिटेल निवेशकों के पास 1.67% हिस्सेदारी है। 20 फरवरी को भी शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली, जिससे BSE सेंसेक्स 203 अंक गिरकर 75,573 पर और निफ्टी 20 अंक गिरकर 22,913 पर बंद हुआ।

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