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ट्रंप की ब्रिक्स देशों को टैरिफ धमकी 100% टैरिफ लगने की संभावना?

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ट्रंप की ब्रिक्स देशों को टैरिफ धमकी 100% टैरिफ लगने की संभावना?

आज हम चर्चा करेंगे एक बहुत ही महत्वपूर्ण खबर पर जो ट्रंप से संबंधित है। खबर यह है कि ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को धमकाया है। धमकी किस बात पर दी है? अगर तुमने गलती से भी डॉलर को हटाने के बारे में विचार किया यानी डी-डॉलराइजेशन की बात की, तो समझ लेना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।

अब आप पूछेंगे यह क्या लॉजिक है? आपको मालूम होगा कि दुनिया में पांच बड़ी अर्थव्यवस्थाएं – ब्राजील, रशिया, इंडिया, चाइना, और साउथ अफ्रीका – ने मिलकर हाल ही में एक नई कवायद शुरू की है। यह कवायद है कि हम लोग डॉलर के वेपनाइजेशन से कैसे बच सकते हैं और निकल सकते हैं। हाल ही का एक दौर आपको याद होगा जब ब्रिक्स का एक समिट हुआ था 2024 में, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग मिले थे। उस समिट में एक नया नोट दिखाया गया था, जिसे अमेरिका को चिढ़ाने के लिए बनाया गया था।

यह नोट असल में एक बैंक नोट था, जो एक प्रकार से एक मुद्रा की तरह दिखाया गया था। इसका मतलब यह था कि अगर ब्रिक्स देश चाहें, तो वे अपनी एक मुद्रा बना सकते हैं और आपस में चलाएं। जब पुतिन से पूछा गया कि क्या आप इसे करेंसी के रूप में अनाउंस कर रहे हो, तो पुतिन ने इंकार कर दिया और कहा कि नहीं, यह बस एक यादगार नोट है। लेकिन यह नोट ट्रंप को चुभ गया है।

ट्रंप ने धमकी दी है कि अगर ब्रिक्स देशों ने अपना नोट जारी करने की गलती की, तो उन्हें अमेरिका का 100% टैरिफ बैरियर भुगतना होगा। इसका मतलब है कि अगर आप अमेरिका से व्यापार करना चाहते हैं, तो हम आपसे सामान खरीदते समय इतना टैक्स लगा देंगे कि आप अमेरिका से व्यापार नहीं कर पाएंगे।

यह धमकी ब्रिक्स के उन देशों को दी गई है जो अमेरिका के साथ व्यापार करते हैं। यह धमकी देकर ट्रंप ने साफ कर दिया है कि अगर किसी ने डॉलर को हटाने का विचार किया, तो अमेरिका उनके खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा। ट्रंप का यह बयान उनके राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के दौरान आया है और यह बयान देकर उन्होंने अपनी ताकत और अमेरिका की आर्थिक शक्ति को दिखाने की कोशिश की है।

ब्रिक्स देशों ने यह कवायद इसलिए शुरू की है क्योंकि वे डॉलर के वेपनाइजेशन से बचना चाहते हैं। अमेरिका ने कई बार डॉलर का उपयोग दूसरे देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के लिए किया है। इसलिए ब्रिक्स देशों ने सोचा कि वे एक नई मुद्रा बना सकते हैं ताकि वे आपस में व्यापार कर सकें और डॉलर पर निर्भर न रहें।

ट्रंप की यह धमकी और ब्रिक्स देशों की यह योजना अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक शक्ति की लड़ाई को दिखाती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इस लड़ाई का क्या परिणाम होता है।

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अब सवाल यह है कि अगर अमेरिका ऐसा करता है तो इसका क्या असर पड़ेगा? अमेरिका को केवल अमेरिका ही ऐसा देश है जिससे व्यापार करके हम पैसा कमाते हैं। बाकी सबसे हम घाटे में रहते हैं, हम इंपोर्ट ज्यादा करते हैं, एक्सपोर्ट कम करते हैं। अमेरिका को हम एक्सपोर्ट ज्यादा करते हैं, हम यहां ट्रेड सरप्लस में रहते हैं। यह डाटा 2023 में लगभग 120 बिलियन डॉलर के आसपास पहुंच गया था। इंडिया और यूएस का मतलब हमने 120 बिलियन डॉलर के आसपास ट्रेड किया था इनके साथ। यह 90 बिलियन डॉलर एक दो साल पुराना आंकड़ा दिखा रहा हूं मैं आपको।

अगर अमेरिका हमारे एक्सपोर्ट पर टैरिफ लगा देता है, तो इसका मतलब है कि भारतीय सामान अमेरिकी बाजार में महंगा हो जाएगा और वहां की जनता उसे नहीं खरीदेगी। इसका सीधा असर हमारे एक्सपोर्ट पर पड़ेगा और हमें बहुत नुकसान होगा।

अमेरिका ने मेक्सिको के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट कर रखा है, इसलिए वहां से माल सस्ते में अमेरिका आ जाता है। अगर अमेरिका ब्रिक्स देशों के साथ टैरिफ बैरियर लगाता है तो उसे महंगा सामान खरीदना पड़ेगा जिससे वहां महंगाई बढ़ेगी।

ट्रंप की धमकियां केवल दिखाने के दांत हैं, खाने के नहीं। असल में यह सब बयानबाजी उनके राजनीतिक फायदे के लिए है। लेकिन हमें ध्यान रखना होगा कि अमेरिका के साथ हमारा व्यापार कितना महत्वपूर्ण है और हमें इसके अनुसार ही अपनी रणनीति बनानी होगी।

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