ट्रंप की बड़ी चाल जेलेंस्की झुके! UN वोट ने कैसे सब बदल दिया?
अमेरिका का यूक्रेन पर दबाव: मिनरल डील की सच्चाई
हाल ही में अमेरिका ने यूक्रेन पर जबरदस्त दबाव बनाया कि या तो वह अमेरिकी आर्थिक मदद का भुगतान करे या फिर अपने देश के खनिज संसाधनों पर अमेरिका को अधिकार दे। ट्रंप प्रशासन के अनुसार, अमेरिका ने यूक्रेन को 500 बिलियन डॉलर की सहायता दी है और अब इसके बदले कुछ चाहता है—यूक्रेन के दुर्लभ खनिज संसाधनों (लिथियम, ग्रेफाइट, यूरेनियम आदि) में 50% हिस्सेदारी।
यूक्रेन शुरू में इसका विरोध कर रहा था, लेकिन अब उसने इसे स्वीकार कर लिया है। Financial Times की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन ने अमेरिका के साथ मिनरल डील को मंजूरी दे दी है, लेकिन इसके बदले कोई सुरक्षा गारंटी नहीं मिली है।
UN वोट और ट्रंप का रूस की ओर झुकाव
ट्रंप के सत्ता में आने के बाद एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला। UN में अमेरिका ने रूस के समर्थन में वोट किया, जबकि यूरोपियन यूनियन अभी भी यूक्रेन के साथ खड़ा रहा। अमेरिका, जिसने अब तक जेलेंस्की का समर्थन किया था, अब उसके खिलाफ जाता दिख रहा है।
जेलेंस्की की मुश्किल स्थिति
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की, जो पहले अमेरिका पर पूरी तरह निर्भर थे, अब बड़ी मुश्किल में फंस चुके हैं। उन्होंने अमेरिका के साथ डील कर ली, लेकिन इसके बदले कोई सैन्य या सुरक्षा गारंटी नहीं मिली। इससे सवाल उठता है कि अगर अमेरिका ने यूक्रेन को ऐसे ही छोड़ दिया, तो क्या जेलेंस्की का निर्णय सही था?

पुतिन का बड़ा दांव
इस बीच, रूस ने ट्रंप को काउंटर ऑफर दिया है—यूक्रेन के कब्जे वाले हिस्से से खनिज निकालने का प्रस्ताव। इसका मतलब यह है कि यूक्रेन अब दो शक्तियों—रूस और अमेरिका—के बीच फंसा हुआ है, जैसे दो बंदरों के बीच रोटी।
ग्लोबल पॉलिटिक्स में नया मोड़
ट्रंप की इस व्यापारिक रणनीति ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। यूरोप अब अमेरिका पर कितना भरोसा करेगा, यह देखने वाली बात होगी। साथ ही, भारत जैसी उभरती शक्तियों को भी अपनी विदेश नीति को नए सिरे से देखने की जरूरत है।