आज हम चर्चा करेंगे एक ऐसी घटना की, जिसका हमें लंबे समय से डर था। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के जम्मू रीजन में आतंकी घटनाओं में वृद्धि देखने को मिली है। पहले ऐसा माना जा रहा था कि कश्मीर में आतंकियों की पैठ नहीं जम रही है, इसलिए वे जम्मू क्षेत्र में शिफ्ट हो गए हैं। लेकिन हाल के घटनाक्रम से ऐसा प्रतीत होता है कि यह किसी आम आतंकी गतिविधि की नहीं, बल्कि ट्रेनिंग प्राप्त किए हुए कमांडोज की हरकत है।
इसके बाद भारत सरकार ने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्सेस (BSF) के सबसे बड़े अधिकारियों को समय से पहले हटा दिया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षा में कुछ गंभीर चूक हुई है।
हाल ही में भारत ने कारगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ मनाई है। इस मौके पर हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की ओर से फिर से उसी तरह की हरकतें देखने को मिल रही हैं। सैन्य अधिकारियों का मानना है कि जैसे कारगिल में इन्फिल्टरेशन हुआ था, वैसे ही अब जम्मू रीजन में भी 600 तक आतंकी घुसपैठ कर चुके हैं, जिससे इन क्षेत्रों में आतंकी घटनाएं बढ़ रही हैं।

घटनाओं को विस्तार से समझते हैं:
- जम्मू-कश्मीर का भौगोलिक और राजनीतिक परिदृश्य: जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटा जा सकता है – जम्मू और कश्मीर। जबसे अनुच्छेद 370 हटाया गया है, तबसे कश्मीर में अपेक्षाकृत शांति रही है। लेकिन इस शांति से कई तत्व, विशेषकर पाकिस्तान, असंतुष्ट रहे हैं। कश्मीर में शांति के कारण वहां की जनता ने विकास और समृद्धि की ओर कदम बढ़ाए हैं, जिससे पाकिस्तान को कश्मीर में अस्थिरता फैलाने का मौका नहीं मिला।
- जम्मू में बढ़ती आतंकवादी घटनाएं: जम्मू रीजन, विशेषकर राजोरी, रियासी और पुंछ जिलों में हाल ही में कई आतंकी घटनाएं देखने को मिली हैं। इन घटनाओं के पीछे स्थानीय आतंकियों का हाथ नहीं है, बल्कि यह किसी बड़े प्रशिक्षित कमांडो की हरकत है।
- BSF के अधिकारियों का हटाया जाना: भारत सरकार ने BSF के DG और Special DG को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। इन अधिकारियों पर आतंकवादी घटनाओं को रोकने में समन्वय की कमी का आरोप लगाया गया है। BSF का मुख्य काम भारत-पाकिस्तान सीमा की सुरक्षा करना है, लेकिन इन घटनाओं से यह साफ है कि सुरक्षा में चूक हुई है।
- पाकिस्तान की भूमिका: पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए नई रणनीति अपनाई जा रही है। कारगिल की तरह ही इन्फिल्टरेशन कर आतंकियों को भारतीय सीमा में घुसाया जा रहा है।
- भारत की तैयारियां: भारत सरकार और भारतीय सेना ने अब इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। सीमाओं की सुरक्षा बढ़ाई गई है और स्थानीय सुरक्षा बलों को भी सतर्क किया गया है।
सारांश: भारत की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि आतंकवादी गतिविधियों का स्वरूप बदल रहा है। BSF और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को और भी समन्वित तरीके से काम करने की जरूरत है ताकि किसी भी तरह की चूक न हो।
जम्मू-कश्मीर की जनता ने शांति और समृद्धि की ओर कदम बढ़ाए हैं और हमें इस दिशा में उनके साथ खड़ा होना होगा ताकि आतंकवाद को जड़ से समाप्त किया जा सके।