गुजरात में टेक कपल का डिजिटल अरेस्ट पूरी कहानी
आजकल एआई, साइबर सिक्योरिटी और नई टेक्नोलॉजी की चर्चा आम हो गई है। टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ हमारी रोजमर्रा की तकनीकी समस्याओं को चुटकियों में हल कर देते हैं। लेकिन सोचिए, अगर यही विशेषज्ञ खुद किसी साइबर स्कैम का शिकार बन जाएं तो क्या होगा?
घटना का सिलसिला:
गुजरात के गांधीनगर के सरगासन इलाके में टेक सेक्टर में काम करने वाले एक कपल के साथ ऐसा ही हुआ। 3 जनवरी की शाम पति के फोन पर इंटरनेशनल नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि उनके खिलाफ दिल्ली में 56 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं। इसके बाद ऑडियो कॉल को वीडियो कॉल में बदला गया। वीडियो कॉल में एक शख्स दिखाई दिया जिसके पीछे दिल्ली पुलिस का लोगो लगा था।
स्कैमर ने यह पता लगाने के बाद कि उनके घर में पत्नी भी मौजूद है, दोनों को वीडियो कॉल पर 24 घंटे तक ऑनलाइन रहने को मजबूर किया। स्कैमर्स ने उनसे उनके बैंक अकाउंट डिटेल्स मांगे और यह कहते हुए उनकी सारी बचत एक खाते में ट्रांसफर करवा ली कि यह आरबीआई द्वारा ब्लैक मनी जांचने का तरीका है।
स्कैम का अंत:
कपल को 4 जनवरी की शाम कॉल खत्म होने पर समझ आया कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। उन्होंने तुरंत साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई।
आरोपियों की गिरफ्तारी:
गांधीनगर साइबर क्राइम पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए 26 वर्षीय भावेश मनोज भाई निमावत और 28 वर्षीय यश सुभाष भाई दांगी को गिरफ्तार किया। ये आरोपी सुरेंद्रनगर के रहने वाले हैं।

अंगड़िया सिस्टम का उपयोग:
पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी “अंगड़िया” सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे थे। यह प्रणाली, जिसमें बड़ी रकम एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचाई जाती है, विशेष रूप से गुजरात और मुंबई में लोकप्रिय है। आरोपी 0.2% से 0.5% तक कमीशन लेकर यह काम करते थे।
सावधान रहें:
यदि आप भी किसी साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत नेशनल साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।
साइबर सुरक्षा में सतर्कता बेहद जरूरी है। इस घटना से सीख लेकर खुद को और अपने परिवार को ऐसे स्कैम से सुरक्षित रखें।