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क्रेडिट कार्ड की चालाकियां: समझदारी से करें इस्तेमाल

क्रेडिट कार्ड की चालाकियां: समझदारी से करें इस्तेमाल

क्रेडिट कार्ड की चालाकियां: समझदारी से करें इस्तेमाल |

कोविड-19 के बाद एक नया ट्रेंड सामने आया जिसे कहा गया — रिवेंज बाइंग। लॉकडाउन के दौरान लोग खर्च करने से बच रहे थे, लेकिन जब चीजें खुलीं तो उन्होंने खूब खरीदारी की। पर सवाल ये है कि पैसे आए कहां से? जवाब है — क्रेडिट कार्ड्स

पोस्ट-कोविड दौर में क्रेडिट कार्ड से इतनी शॉपिंग हुई कि बैंकों को वसूली में दिक्कतें आने लगीं। क्रेडिट कार्ड एक तरफ जहां फायदे का सौदा हो सकता है, वहीं दूसरी ओर यह जोखिम भरा भी हो सकता है।

नमस्ते! मैं उपासना और आप देख रहे हैं मालामाल वीकेंड। आज हम बात करेंगे उन गलतियों की, जो अक्सर लोग क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हुए कर बैठते हैं — और जिनसे हर हाल में बचना चाहिए।


🔹 1. ज्यादा फीस वाले कार्ड का लालच

जब आप क्रेडिट कार्ड लेते हैं, तो कई बार जॉइनिंग या एनुअल फीस वसूली जाती है। अगर आप इसे ज्यादा समझते हैं, तो कार्ड कंपनी आपको कम फीस वाला कार्ड ऑफर कर देती है — और आप फंस जाते हैं!

अगर आपका खर्च बहुत कम है, तो रिवॉर्ड पॉइंट्स या कैशबैक से इस फीस की भरपाई करना मुश्किल होगा।

👉 सुझाव: कोई भी पेड कार्ड लेने से पहले उसके फायदे और नुकसान का अच्छी तरह विश्लेषण करें।


🔹 2. नो-कॉस्ट EMI का भ्रम

ई-कॉमर्स साइट्स पर अक्सर नो-कॉस्ट EMI का ऑप्शन दिखता है। लेकिन असल में यह नो कॉस्ट होता नहीं है।

फोन या टीवी की कीमत में पहले ही ब्याज जोड़ दिया जाता है, जिससे ग्राहक को फर्क नहीं दिखता। इसके अलावा, प्रोसेसिंग फीस और फाइल चार्ज जैसे हिडन कॉस्ट भी जुड़ते हैं।

👉 उदाहरण: ₹8000 के टीवी पर ₹500 की प्रोसेसिंग फीस लगती है, जिससे वो ₹8500 का पड़ता है — यानी 10% से भी ज्यादा इंटरेस्ट!

👉 सुझाव: तभी EMI लें जब कोई हिडन चार्ज न हो और प्लेटफॉर्म/बैंक ईएमआई का इंटरेस्ट वहन करें।


🔹 3. केवल “Minimum Due” भरने की गलती

क्रेडिट कार्ड बिल आने पर “Minimum Amount Due” का ऑप्शन दिखता है, जो आमतौर पर कुल राशि का 5% होता है।

बहुत से लोग सोचते हैं कि इतना भरना काफी है, लेकिन ऐसा करके वे कर्ज के जाल में फंसते चले जाते हैं।

👉 उदाहरण: ₹50,000 के बिल पर केवल ₹2,500 भरने से ब्याज में ही ₹1,500 चला जाएगा और मूलधन बना रहेगा। पूरी राशि चुकाने में 9 साल लग सकते हैं और कुल भुगतान ₹1.15 लाख से ऊपर होगा।

👉 सुझाव: हमेशा पूरा बिल समय पर चुकाएं।


🔹 4. पूरी क्रेडिट लिमिट इस्तेमाल करना

अगर आप लगातार अपनी क्रेडिट लिमिट का ज़्यादा हिस्सा इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इससे क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो बढ़ता है और क्रेडिट स्कोर खराब होता है।

👉 सुझाव: खर्च को 30% के अंदर रखें। कुछ महीनों के लिए कार्ड का इस्तेमाल बंद करें, ताकि स्कोर में सुधार हो सके।


🔹 5. कैश विदड्रॉल बहुत महंगा सौदा

क्रेडिट कार्ड से एटीएम से पैसा निकालना सबसे बड़ी गलती हो सकती है।

इस पर 2.5% तक कैश एडवांस फीस और पहले दिन से ही 40–50% सालाना ब्याज लगता है!

👉 सुझाव: ज़रूरत हो तो डेबिट कार्ड या पर्सनल लोन बेहतर विकल्प हैं।


🔹 6. इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन में सावधानी

विदेश यात्रा के दौरान लोग इंटरनेशनल कार्ड स्वाइप कर देते हैं, लेकिन इसमें फॉरेक्स मार्कअप फीस (3% तक) और उस पर GST भी लगता है।

👉 उदाहरण: $100 की खरीदारी पर ₹8500 कीमत + ₹300 फीस यानी ₹8800 का खर्च।

👉 सुझाव: प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड्स का इस्तेमाल करें।


🔹 7. कार्ड बंद करना भी हो सकता है नुकसानदायक

अगर आप क्रेडिट कार्ड बंद कर देते हैं, तो आपकी कंबाइंड लिमिट कम हो जाती है जिससे क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो बढ़ जाता है — और इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है।

👉 सुझाव: सोच-समझकर ही कार्ड बंद करें।


🔚 निष्कर्ष:

अति सर्वत्र वर्जयेत्” — ये कहावत क्रेडिट कार्ड पर भी लागू होती है। अगर इनका सही इस्तेमाल किया जाए तो ये फायदे का सौदा है, वरना नुकसान उठाना पड़ सकता है।

तो अगली बार जब क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें, तो समझदारी और जानकारी के साथ करें।

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