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क्या होते हैं Body Sores जिनका इलाज कराने AIIMS Delhi पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव?

क्या होते हैं Body Sores जिनका इलाज कराने AIIMS Delhi पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव

क्या होते हैं Body Sores जिनका इलाज कराने AIIMS Delhi पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव?

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को 2 अप्रैल (बुधवार) को दिल्ली AIIMS में भर्ती कराया गया। इससे पहले वे कुछ समय पटना के एक अस्पताल में भी भर्ती थे। उनके बेटे और राजद नेता तेजस्वी यादव ने बताया कि उनके पिता की पीठ और एक हाथ पर घाव हो गए थे, जो ठीक नहीं हो रहे थे। इसलिए उन्हें बेहतर इलाज के लिए AIIMS लाया गया।

दरअसल, लालू यादव को जो घाव हुए हैं, उन्हें Body Sores कहा जाता है। इन्हें Pressure Ulcers या Bed Sores भी कहा जाता है। ये छाले या घाव शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकते हैं।
बॉडी सोर्स क्यों होते हैं और इनका इलाज क्या है – इस बारे में डॉक्टर पीयूष मिश्रा ने जानकारी दी। डॉक्टर पीयूष के अनुसार, जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक एक ही स्थिति में लेटा या बैठा रहता है, तो शरीर के कुछ हिस्सों पर लगातार दबाव पड़ता है। इससे उन हिस्सों में मौजूद खून की बारीक नलियां सिकुड़ जाती हैं और वहां खून का प्रवाह कम हो जाता है।

हमारे शरीर के हर हिस्से को खून के ज़रिए ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं। जब खून का बहाव रुकता है, तो वहां की कोशिकाएं मरने लगती हैं और स्किन व टिश्यू पर घाव बन जाते हैं।
यह समस्या अधिकतर उन लोगों को होती है जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं और जिन्हें लंबे समय तक लेटे रहना पड़ता है। ऐसे मरीजों की पीठ, कोहनी, एड़ी और कूल्हों पर ये घाव आम हैं। डायबिटीज और वैस्कुलर डिजीज (रक्त नलियों से जुड़ी बीमारियाँ) वाले लोगों में भी बॉडी सोर्स की आशंका रहती है, क्योंकि इन स्थितियों में खून की नलियों को नुकसान होता है और घाव भरने में दिक्कत आती है।
इसके अलावा बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण, बार-बार कपड़ों या बिस्तर से रगड़, और शरीर को पर्याप्त पोषण न मिलना – ये सभी कारण भी स्किन को कमजोर कर देते हैं और घाव बना सकते हैं।
बॉडी सोर्स से बचाव के लिए ज़रूरी है कि मरीज को हर 2-3 घंटे में करवट दिलवाई जाए, उसकी स्किन को साफ रखा जाए और अगर घाव हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। घाव की सही समय पर ड्रेसिंग और दवा जरूरी होती है।

साथ ही, एक पौष्टिक डाइट ली जानी चाहिए जिसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन C और जिंक हो – ताकि घाव जल्दी भरें और कोई जटिलता न हो।

  • प्रोटीन के लिए: पनीर, अंडा, दूध, दही, सोयाबीन, मेवे, टोफू, बीन्स, मांस और मछली खाई जा सकती है।
  • विटामिन C के लिए: संतरा, चकोतरा जैसे खट्टे फल उपयोगी हैं।
  • जिंक के लिए: मशरूम, सोयाबीन, दूध, दही, पनीर, ओट्स, मूंगफली, अंडे, चिकन और मछली अच्छे स्रोत हैं।

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