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क्या भारत का 29वां राज्य बनेगा भील प्रदेश ?

मानगढ़ धाम की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और वर्तमान में भील प्रदेश की मांग पर विस्तार से चर्चा की गई है। मानगढ़ धाम, जो राजस्थान में स्थित है, 1913 की मानगढ़ मसक की याद में महत्वपूर्ण है। इस घटना में ब्रिटिश सरकार ने आदिवासियों पर गोलियां चलवाई थीं, जिसमें लगभग 1500 आदिवासी मारे गए थे। इसे आदिवासियों का जलियांवाला बाग कहा जाता है और आज यहाँ पर एक स्मारक स्थापित है।

वर्तमान में, भील जनजाति एक नए राज्य की मांग कर रही है, जिसे भील प्रदेश कहा जाएगा। इस प्रस्तावित राज्य में राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, और मध्य प्रदेश के 49 जिलों को शामिल किया जाएगा। यह मांग भील जनजाति की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को मान्यता देने की दिशा में उठी है।

मानगढ़ धाम का ऐतिहासिक महत्व:

Panchayat 3

मानगढ़ धाम राजस्थान में स्थित एक पवित्र स्थल है, जो 1913 के मानगढ़ मसक के नाम से जाना जाता है। इस घटना में ब्रिटिश सरकार ने गोविंदगिरी जी के नेतृत्व में आदिवासियों की सभा पर गोलियां चलवाईं, जिसमें लगभग 1500 आदिवासी मारे गए थे। इसे आदिवासियों का जलियांवाला बाग कहा जाता है। इस घटना की स्मृति को संजोने के लिए मानगढ़ धाम पर एक स्मारक स्थापित किया गया है।

भील प्रदेश की मांग:

वर्तमान में, इस क्षेत्र में भील जनजाति के लोग एक नए राज्य की मांग कर रहे हैं, जिसे भील प्रदेश कहा जाएगा। यह नया राज्य राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, और मध्य प्रदेश के 49 जिलों को मिलाकर बनाया जाएगा। भील जनजाति की मांग है कि इन जिलों को एक नए राज्य में शामिल किया जाए, जो उनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को मान्यता दे सके। इस मांग को भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) द्वारा नेतृत्व किया जा रहा है और वर्तमान में तीन विधायक और एक सांसद इस पार्टी से हैं।

संवैधानिक प्रावधान:

भारतीय संविधान के आर्टिकल 2 और आर्टिकल 3 नए राज्यों के गठन के प्रावधानों को स्पष्ट करते हैं:

  • आर्टिकल 2: नए राज्यों के प्रवेश और स्थापना की बात करता है।
  • आर्टिकल 3: नए राज्यों के गठन, विभाजन, विलय, या समावेश की प्रक्रिया का वर्णन करता है। संसद इस पर विचार कर सकती है और राष्ट्रपति की अनुमति से नए राज्य की स्थापना की जा सकती है।

भील जनजाति का इतिहास और महत्व:

भील जनजाति एक महत्वपूर्ण आदिवासी समुदाय है जो मुख्य रूप से गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और महाराष्ट्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में पाई जाती है। इनकी सांस्कृतिक पहचान और ऐतिहासिक परंपराएं महत्वपूर्ण हैं, जैसे कि पिथोरा पेंटिंग और घूमर नृत्य। इनकी कुल आबादी भारत में 11 करोड़ के करीब है, और इनमें से 3 करोड़ इस क्षेत्र में रहते हैं।

चुनौतियां और संभावनाएं:

भील प्रदेश की मांग से जुड़े फायदे और चुनौतियां हैं:

  • फायदे: बेहतर प्रशासन, आर्थिक विकास, और सांस्कृतिक पहचान।
  • चुनौतियां: प्रशासनिक जटिलताएं, आर्थिक मुद्दे, और क्षेत्रीय अस्थिरता।

राज्य गठन के लिए संविधान में स्पष्ट प्रावधान हैं, लेकिन क्षेत्रीय अस्थिरता और आर्थिक चिंताओं को भी ध्यान में रखना होगा।

इस विश्लेषण के माध्यम से, यह स्पष्ट होता है कि भील प्रदेश की मांग एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दा है, जिसका व्यापक प्रभाव हो सकता है।

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