क्या एचएमपीवी कोरोना वायरस की तरह महामारी बन सकता है ?
वायरस का परिचय और मौजूदा स्थिति
एचएमपीवी (ह्यूमन मेटा न्यूमोवायरस) कोई नया वायरस नहीं है। यह दशकों से हमारे बीच मौजूद है और आमतौर पर सर्दियों के मौसम में फैलता है। यह वायरस हाल ही में चीन में तेजी से फैला है, और भारत में भी इसके कुछ मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, इसे कोरोना वायरस से जोड़ना सही नहीं है क्योंकि यह अलग प्रकृति का वायरस है।
वायरस के प्रकार और लक्षण
एचएमपीवी सहित फ्लू से जुड़े कई वायरस (जैसे इन्फ्लुएंजा ए, इन्फ्लुएंजा बी, एडिनोवायरस, राइनोवायरस और स्वाइन फ्लू वायरस) समान लक्षण उत्पन्न करते हैं। इनमें शामिल हैं:
- बुखार
- सिरदर्द
- गले में खराश
- नाक बहना या बंद होना
- शरीर में दर्द
ज्यादातर मामलों में ये लक्षण हल्के होते हैं और ऊपरी श्वसन तंत्र तक सीमित रहते हैं। लेकिन कुछ मामलों में यह संक्रमण गंभीर हो सकता है, खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और अन्य कोमोरबिडिटीज (डायबिटीज, दिल, लिवर या किडनी की बीमारियों) से ग्रसित लोगों में।
संक्रमण की गंभीरता और इलाज
एचएमपीवी का संक्रमण फेफड़ों तक पहुंच सकता है, जिससे ब्रोंकियोलाइटिस या निमोनिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, इसका कोई विशेष इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इसका उपचार लक्षणों के आधार पर किया जाता है।
संक्रमण कैसे फैलता है?
एचएमपीवी फ्लू वायरस की तरह ही फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से यह वायरस हवा में फैल सकता है। इसके अलावा, संक्रमित सतहों को छूने और फिर मुंह, नाक, या आंखों को छूने से भी संक्रमण हो सकता है।

बचाव के उपाय
एचएमपीवी से बचने के लिए वही सावधानियां जरूरी हैं जो कोविड-19 या अन्य फ्लू वायरस के लिए अपनाई जाती हैं:
- मास्क पहनना।
- भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना।
- खांसते या छींकते समय मुंह ढकना।
- बार-बार हाथ धोना और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना।
- बीमार महसूस करने पर दूसरों से दूरी बनाए रखना।
क्या एचएमपीवी महामारी बन सकता है?
डॉ. संदीप बुद्धिराजा के अनुसार, एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। हर साल सर्दियों में इसके मामले देखे जाते हैं, और यह आमतौर पर फ्लू सीजन का हिस्सा होता है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। चीन में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन यह कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी का रूप नहीं लेगा।
निष्कर्ष
सावधानी बरतना और घबराने से बचना आवश्यक है। लक्षण महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करें और स्वास्थ्य संबंधी सामान्य दिशा-निर्देशों का पालन करें। एचएमपीवी पर नियंत्रण पैनिक नहीं बल्कि सतर्कता से संभव है।