केंद्र ने लद्दाख में बनाए 5 नए जिले क्या मान ली गई प्रदर्शनकारियों की मांग?
लद्दाख में लंबे समय से राज्य का दर्जा देने की मांग उठ रही थी, जिसमें विशेष रूप से 6ठी अनुसूची के तहत अधिकार देने की बात की जा रही थी। लद्दाख के प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्हें 6ठी अनुसूची में शामिल किया जाए और एक अलग राज्य का दर्जा दिया जाए। इस संदर्भ में, सोनम वांगचुक ने 21 दिन की भूख हड़ताल भी की थी।
हाल ही में केंद्र सरकार ने लद्दाख में 5 नए जिले बनाने की घोषणा की है, जिनमें जास्कर, द्रास, शाम, नुब्रा, और चांग थांग शामिल हैं। इससे अब लद्दाख में कुल 7 जिले हो गए हैं। यह कदम प्रशासनिक राहत देने के लिए उठाया गया है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में प्रशासनिक पहुंच और सुविधाएं बेहतर हो सकेंगी।
हालांकि, यह कदम 6ठी अनुसूची के तहत विशेष अधिकार देने की मांग से मेल नहीं खाता। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि लद्दाख को 6ठी अनुसूची के तहत एक ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल दिया जाए, जिससे उन्हें सांस्कृतिक और प्रशासनिक सुरक्षा मिल सके। वर्तमान में बनाए गए जिले केवल प्रशासनिक राहत प्रदान करते हैं, लेकिन ये 6ठी अनुसूची के प्रावधानों को लागू नहीं करते।
पूर्व सांसदों और सोनम वांगचुक ने इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि यह केवल प्रशासनिक राहत है और इसमें 6ठी अनुसूची के तहत मिलने वाले अधिकार शामिल नहीं हैं।

मुख्य बिंदु:
- लद्दाख में प्रोटेस्ट और मांगें:
- लद्दाख में लंबे समय से स्टेटहुड और सिक्स्थ शेड्यूल में शामिल होने की मांग चल रही है।
- सोनम वांगचुक द्वारा 21 दिन की भूख हड़ताल भी की गई थी।
- केंद्र सरकार का निर्णय:
- केंद्र सरकार ने हाल ही में लद्दाख में पांच नए जिले बनाने की घोषणा की है। पहले लद्दाख में दो जिले (लेह और कारगिल) थे, अब कुल सात जिले हो गए हैं।
- नए जिलों के नाम हैं: जास्कर, द्रास, शाम, नुब्रा, और चांग थांग।
- प्रभाव और प्रतिक्रियाएं:
- जिलों का निर्माण प्रशासनिक राहत देगा और अधिक केंद्रित प्रशासनिक व्यवस्था सुनिश्चित करेगा।
- हालांकि, सिक्स्थ शेड्यूल के तहत ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल की मांग पूरी नहीं हुई है।
- पूर्व सांसद और सोनम वांगचुक ने इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ प्रशासनिक सुधार है, सिक्स्थ शेड्यूल की मांग पूरी नहीं हुई।
- अंतर और लाभ:
- जिला प्रशासन सरकारी कर्मचारियों द्वारा चलता है, जबकि ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल स्थानीय निर्वाचित लोगों द्वारा संचालित होती है।
- नए जिलों से बेहतर प्रशासन, सेवाओं की पहुंच में वृद्धि, और रोजगार के अवसर बढ़ने की संभावना है।
- चुनौतियां:
- नए जिलों के लिए संसाधनों और सुविधाओं का वितरण और विकास एक चुनौती हो सकता है।
इस प्रकार, केंद्र सरकार का यह कदम लद्दाख के प्रशासनिक ढांचे को सुधारने का प्रयास है, लेकिन यह विवादित मांगों को पूरी तरह से संबोधित नहीं करता है।