अमेरिकी प्रतिबंधो के बावजूद भारत रूस ने की डिफेन्स डील
अमेरिकी प्रतिबंधों का संभवतः भारत पर असर होता नहीं दिख रहा है। या यह कहिए कि इन दोनों की दोस्ती पर असर नहीं हो रहा है। वैसे मोदी जी की दोस्ती अमेरिका में आ रहे राष्ट्रपति ट्रंप से भी बताई जाती है, लेकिन पुतिन के साथ हाल ही में निभाई गई दोस्ती का रंग दिखना शुरू हो गया है। यह तो निश्चित ही अमेरिका को बहुत पहले पता चल गया होगा कि कुछ ऐसा करेंगे जिससे हमारी बेइज्जती होगी। इसलिए संभवतः इस महीने की शुरुआत में उन्होंने 19 भारतीय कंपनियों पर सैंक्शन लगा दिया था। और यह बड़ी सुर्खी बनी थी कि यूएस ने भारत की 19 कंपनियों पर सैंक्शन लगा दिया क्योंकि वह रूस के साथ माल का व्यापार कर रही थी। इस सुर्खी को हमने आप लोगों के साथ साझा भी किया था। प्रतिबंध लगाने का मतलब है कि वो कंपनियां भविष्य में अमेरिका के साथ या अमेरिकी मित्रों के साथ व्यापार नहीं कर पाएंगी। इसका सीधा अर्थ यह है कि उन कंपनियों का जो पैसा दूसरे देशों में जमा है, जैसे अमेरिका में, तो अमेरिका चाहे तो उस पैसे को जप्त कर सकता है। और अमेरिकी कंपनियां जो फाइनेंस करती हैं, उन्हें फाइनेंस मिलना बंद हो जाएगा। यह खबर निश्चित रूप से अमेरिका को पता चल गया होगा कि मोदी जी जब रूस गए थे, उस समय वे सिर्फ हाथ मिलाकर नहीं आए थे, कुछ प्रॉमिस भी कर के आए थे।
अमेरिका ने प्रयास किया था कि मोदी जी की रूस के साथ कोई डिफेंस डील न होने दें, लेकिन अब मोदी जी फिर गए और इस बार पुतिन से बातचीत कर आए। और यह कहा जा सकता है कि उन्होंने अमेरिका को अंगूठा दिखा दिया है। इस बार गाजे-बाजे के साथ भारत ने रूस के साथ एडवांस डील साइन की है और वह डील है पंतसिर एयर डिफेंस सिस्टम की, जो कि एयर डिफेंस को बढ़ावा देने वाली है। हाल ही में भारत और रूस ने एक एमओयू साइन किया है पंतसिर एयर डिफेंस सिस्टम को बिल्ड करने और उसकी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करने का। यह डील भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और रूस की रोसोबोन एक्सपोर्ट के बीच हुई है। भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, जो कि मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के अधीन एक पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग कंपनी है, ने यह करार किया है।
BDL, DRDO की एक लेबोरेटरी है जो भारतीय सेना के लिए तमाम प्रकार के रक्षा उपकरण बनाती है। BDL ने रोसोबोन एक्सपोर्ट के साथ मिलकर पंतसिर एयर डिफेंस सिस्टम बनाने का करार किया है। पंतसिर सिस्टम एक छोटा एयर डिफेंस सिस्टम है जो कि छोटे हवाई हमलों को रोकने के लिए बनाया गया है। यह सिस्टम 36 किमी तक की दूरी पर लक्ष्य को मार सकता है और 15 किमी की हाइट तक मार कर सकता है।

पंतसिर सिस्टम एक ऑटोमेटिक गन सिस्टम है जो गोलियां बरसाने और मिसाइलें चलाने दोनों काम में आता है। यह मानव रहित वाहनों को रोकने में भी सक्षम है और इसमें थर्मल इमेजिंग सेंसर लगे होते हैं जो हीट को सेंस करके काम करते हैं। यह सिस्टम छोटे ड्रोन्स और अन्य हवाई हमलों को रोकने में सक्षम है। पुतिन ने इस सिस्टम की तारीफ करते हुए कहा था कि यह बहुत ज्यादा बिकने वाला प्रोडक्ट है। कई देशों ने इसे खरीदने की कोशिश की है। भारत और रूस के बीच हुए इस करार से यह साबित होता है कि अमेरिकी प्रतिबंधों का असर भारत पर नहीं पड़ रहा है।
s400 के मुकाबले s1 सिस्टम का मुख्य अंतर यह है कि s400 लंबी दूरी तक मार करने के लिए होता है जबकि s1 छोटी दूरी के लक्ष्यों को मारने के लिए होता है। पुतिन ने यह भी कहा कि यह सिस्टम बहुत ज्यादा डिमांड में है और इसे दुनिया भर में बेचा जा रहा है। भारत इसे परचेज करके अमेरिका को स्पष्ट संकेत दे रहा है कि वह अपने डिफेंस संबंधों को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है।अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने इस डील को साइन करके यह साफ कर दिया है कि वह अपनी रक्षा तैयारियों में कोई समझौता नहीं करेगा और रूस के साथ अपने संबंधों को और भी मजबूत करेगा।