आज के इस सेशन में हम दिल्ली के ताजातरीन घटनाक्रम और सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर चर्चा करेंगे। दिल्ली में हाल ही में उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी के बीच एक महत्वपूर्ण कानूनी विवाद ने काफी सुर्खियां बटोरी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच एक महत्वपूर्ण फैसले का ऐलान किया है। इस फैसले का संबंध दिल्ली में 10 एल्डरमैन की नियुक्ति से है।
आर्टिकल 74 और 163 का संदर्भ:
- भारतीय संविधान का आर्टिकल 74 राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए काउंसिल ऑफ मिनिस्टर की व्यवस्था करता है। इसी तरह, आर्टिकल 163 राज्य के गवर्नर को सलाह देने के लिए काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स की व्यवस्था करता है।
- दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है और इसमें विधान सभा होने के बावजूद, केंद्रीय सरकार की सीधी शक्ति लागू होती है।

दिल्ली एमसीडी और सुप्रीम कोर्ट का फैसला:
- दिल्ली की एमसीडी (म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफ दिल्ली) की जिम्मेदारी है कि वह शहर की स्थानीय सुविधाओं जैसे जल आपूर्ति, सफाई, पार्क आदि का प्रबंधन करे।
- हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त 10 एल्डरमैन के फैसले को बरकरार रखा है।
- यह विवाद तब शुरू हुआ जब उपराज्यपाल ने बिना दिल्ली सरकार की सलाह के 10 एल्डरमैन नियुक्त कर दिए। आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे संविधान की सीमाओं के भीतर मान्यता दी है।
मुख्य बिंदु:
- आर्टिकल 74 और 163: ये आर्टिकल राष्ट्रपति और गवर्नर को परिषद के मंत्रियों की सलाह पर काम करने की जिम्मेदारी देते हैं। दिल्ली के मामले में, उपराज्यपाल की स्थिति राज्यपाल से अलग है, और उन्हें परिषद की सलाह मानने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
- एमसीडी (म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली): एमसीडी की जिम्मेदारियां दिल्ली में स्थानीय प्रशासन को संभालना है, जिसमें जल निकासी, कचरा प्रबंधन और अन्य स्थानीय सुविधाओं का प्रबंधन शामिल है।
- सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त 10 एल्डरमैन की नियुक्ति को बरकरार रखा है। यह निर्णय एमसीडी में आम आदमी पार्टी की स्थिति को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि ये एल्डरमैन स्थाई समिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
- एमसीडी का बजट: एमसीडी का बजट 16,000 करोड़ रुपए से अधिक है, और यह स्थानीय प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण है।
- फैसले का प्रभाव: आम आदमी पार्टी ने इस फैसले का विरोध करने का निर्णय लिया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के स्थानीय प्रशासन के संदर्भ में उपराज्यपाल की शक्तियों को स्पष्ट किया है।
- एमसीडी की स्थाई समिति में 18 सदस्य होते हैं, जिनमें से 6 निर्वाचित होते हैं और 12 एल्डरमैन द्वारा मनोनीत होते हैं।
- एल्डरमैन की नियुक्ति से दिल्ली की एमसीडी में बीजेपी की स्थिति मजबूत हो गई है, जिससे आम आदमी पार्टी को कठिनाई हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का यह मतलब है कि उपराज्यपाल को एमसीडी के मामलों में बड़ी स्वतंत्रता प्राप्त है, और दिल्ली सरकार की सलाह की आवश्यकता नहीं है। इस निर्णय का दिल्ली की राजनीति पर बड़ा असर पड़ेगा और एमसीडी के निर्णयों में बीजेपी की भूमिका को मजबूत करेगा।